Dr. P.K. Shrivastava
वेटेरिनरी स्नातक इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले निम्न ऐवन्यू की ओर भी देख लें:
Updated: Mar 25
अकसर देखा गया है कि पशुचिकित्सा विज्ञान के तृतीय और चतुर्थ वर्ष के छात्र छात्राएं विकल रहते हैं कि अब कुछ ही समय बाद इंडस्ट्री में कदम रखना है, और आगे क्या क्या संभावनाए हो सकतीं हैं, किन किन दिशाओं में कदम बढ़ाकर अपने कैरियर को सवाँरा जा सकता है? इस प्रकार के विचार सर्वथा विद्यार्थियों के मन में उठता रहता है।
मेरा उपरोक्त मत कई विद्यार्थियों से मिलकर बात करने के बाद दृढ़ हुआ है कि हमारे नव-पल्लवित इन विद्यार्थियों को बहुत सारे अवेन्यू की जानकारी थोड़ी कम ही रहती है। उन्हे या तो अपने प्रोफेसर्स या अपने सीनियर से इस प्रकार के जॉब्स की जानकारियाँ प्राप्त होतीं हैं या फिर जॉब सर्च में से कहीं से अधूरी या पूरी जानकारियाँ मिल जातीं हैं। यह सत्य है कि आज के युग में जॉब के लिए नेट से जानकारियाँ प्राप्त करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है, परंतु यदि पहले से प्लान कर लिया जाए तो, दिशा भ्रम और समय गवांने की संभावना कम की जा सकती है।
सबसे अच्छा होता है जब एक जानकार इस ओर पहल करे और उनके माध्यम से इन स्नातकों को अपना कैरियर बनाने में मदद मिले। ऐसी प्राप्त जानकारी ज्यादा सुदृढ़ और विश्वसनीय होगी। विद्यार्थी उस पर ज्यादा भरोसा कर सकगें और अपना कीमती समय बचा सकेंगे ।
दुवसू मथुरा में पशु-पोषण असोसिएशन द्वार द्विवार्षिक कॉंफरेंस का आयोजन दिनांक 16-18 फरवरी 2023 को किया गया। मैं उसमें एक डेलीगेट था और इसी बीच BVSc & AH के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं से बात करने का अवसर प्राप्त हुआ । जानने को मिला कि जो विद्यार्थी अपनी इंटर्नशिप पूरी कर रहे थे उनके मन में एक विकलता थी कि अब आगे हमें नौकरी के क्या-क्या अवसर प्राप्त हैं?
यह आर्टिकल इसी विषय पर एक प्रकाश डालने का एक प्रयास है, शायद यह ऐसे विद्यार्थियों को राह बताने में सहायक हो सके, जो अपने कैरियर को उचित दिशा में ले जाने की सोंच रहे हैं ।
पशु चिकित्सा विज्ञान के स्नातकों के मन में इंटर्नशिप पूरा करने के बाद शीघ्र से शीघ्र पशुपालन विभाग में नौकरी प्राप्त करने हेतु ललक रहती है, और यह सर्वथा जायज भी है। जायज इसलिए कि जो पढ़ा-सीखा उसका उपयोग शीघ्र से शीघ्र किया जा सके। कुछ के ऊपर जल्दी शादी करने के लिए पारिवारिक दबाव होता है, कुछ को अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता होती है या फिर वो स्वयं शीघ्र जीवन- साथी पाने की लालसा रखते हैं या कुछ की तो शादी भी हो चुकी होती है। इस प्रकार हर एक विद्यार्थी का अपना कैरियर बनाने के प्रति एक भिन्न नजरिया होता है ।
विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में टाप करना, परितोषित पाना और एक सफल विद्यार्थी होना एक बात है और बाहर जाकर इंडस्ट्री में सफल होना दूसरी बात है । इंडस्ट्री में सफल होना किसे कहते हैं, यदि परिभाषित करना चाहें तो;
"जहाँ आपके मन लायक कार्य करने की व्यवस्था हो, आप अपना कार्य करते हुए खुशी महसूस करें, आपका परिवार अच्छे परिस्थितियों में रहे, पले, बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से हो और आपका साथ परिवार को मिलता रहे। अंततः आप अपने कार्य काल में कुछ भविष्य के लिए भी अर्जित कर पायें और वृद्धावस्था को अराम और स्वास्थ्य के साथ बिताने का अवसर भी रहे।" मेरे विचार से मानव जीवन को भौतिकता के परिमाप पर देखते हुए यही जीवन की सार्थकता है और प्रत्येक व्यक्ति शायद यही चाहता भी है।
जब एक विद्यार्थी अपने लक्ष्य को पहले से निर्धारित कर लेता है, तो उसके लिए उचित दिशा में प्रयास करना आसान हो जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि आप के जीवन का लक्ष्य है की BVSc & AH करने के बाद आप ICAR की नौकरी करेंगे। तो इस नौकरी के लिए आपको MVSc अपनी स्नातक की पढ़ाई के साथ साथ ही कर लेनी चाहिए, यह लाभप्रद होता है। MVSc करने के लिए फ़ेलोशिप भी उपलब्ध है। यदि आप ICAR में रिसर्च की या कृषि वैज्ञानिक की नौकरी करना निर्धारित कर लेते हैं तो आपको PhD भी करना ही पड़ेगा, जो जॉब में रहकर भी किया जा सकता है। इससे CAR में आप एक सफल कैरियर बना पाएंगे।
यदि आपने तय किया है कि हमें तो अपने राज्य के अथवा अन्य किसी राज्य के पशुपालन विभाग में ही नौकरी करनी है, तो शायद आपको MVSc की ओर नहीं देखना चाहिए। यह एक प्रकार से समय गवाँना है। यदि आपने तय किया है कि आपको प्राइवेट या कोआपरेटिव डेयरी में ही नौकरी करनी है तो अपको MVSc नहीं करनी चाहिए और शीघ्र डेयरी की नौकरी की तलाश करके उसे ज्वाइन कर लेना चाहिए। डेयरी में भी यदि आप क्वालिटी लैब में जाना चाहते हैं, तो आपको MSc डेयरी टेक्नॉलजी की डिग्री प्राप्त करनी चाहिए या फिर MVSc डेयरी साइंस में डिग्री लेनी चाहिए। प्राइवेट या कोआपरेटिव डेयरी में नौकरी टारगेट पर चलती है, अतः वहाँ कार्य कुशलता ज्यादा महत्व रखती है प्रोफेशनल डिग्री की अपेक्षा, बेसिक डिग्री काफी होती है।
यदि आप चाहते हैं कि हमें NDDB या उसके सबसिडियरी संस्थाओं में नौकरी करनी है तो आपको MVSc नहीं करके IRMA से PGDRM कर लेना चाहिए। या सीधे BVSc & AH के बाद NDDB अथवा मदर डेयरी की नौकरी ज्वाइन कर लेना उचित होगा। यदि आपका रुझान फार्मा कॉम्पनियों की तरफ है तो आपको फार्मा में MVSc कर लेनी चाहिए। आदि....
यदि आपने तय कर लिया है कि आप बैंकिंग सर्विस (ऐग्रिकल्चर डिविजन) में जाएंगे तो आप BSRB या https://www.ibps.in/ की सहायता लें। वहाँ भी आपको अच्छी नौकरी मिल सकती है, जहाँ आपको ऐग्रिकल्चर प्रोजेक्ट्स को फाइनैन्स करने का अवसर मिलेगा और साथ ही आप बैंकिंग सर्विस में भी आगे बढ़ते जाएंगे। यदि आप चाहते हैं कि वेटेरिनरी के बाद आप CAT की परीक्षा दें तो अवश्य आप सफल होकर IIM अथवा CAT के स्कोर के आधार पर आप किसी अच्छे विद्यालय से MBA की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात है कि जब B Tech किए हुए छात्र-छात्राएं MBA, MCA आदि करके अच्छी नौकरियां पा जाते हैं, जब MBBS किए हुए लोग IAS/ PCS बन जाते हैं तो भला आप क्यूँ नही?
यदि आपने निर्धारित किया है कि आप नौकरियां देंगे, नौकरी करेंगे नहीं, तो भी उचित होगा कि आप कहीं अपने पसंद वाले संस्था में पहले 3-4 वर्ष नौकरी कर लें और तब अपनी स्वयं की संस्था खोलें और नौकरी प्रदायी बनें। एन्टरप्रेनर बनने के लिए अति आवश्यक है कि आपके पास पर्याप्त संसाधन हों; जैसे जमीन, संस्था शुरू करने के लिए धन (लोन की व्यवस्थाएं तो उपलब्ध हैं फिर भी अपना धन आपके पास होना आवश्यक है), संस्था में सहयोग करने के लिए विश्वासपात्र नवयुवक साथी और अंततः आपकी अभिरुचि अति आवश्यक है। अपनी संस्था खोलने के लिए परिवार की सहमति और सहयोग अति आवश्यक है।
टेबल 1 आपको इसी प्रकार की नौकरियों के संभावनाओं के विषय में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है। पूरी जानकारी काउंसिलिंग के दौरान प्रदान की जा सकती है। यदि छात्र-छत्राएं चाहें तो ऑनलाइन भी यह सुविधा प्रदान की जा सकती है, परंतु सामूहिक काउंसिलिंग की व्यवस्था यदि विश्वविधायलयों की ओर से हो तो आसानी होगी।

हमें उम्मीद है कि पशु चिकित्सा विज्ञान के स्नातक इस आर्टिकिल से लाभान्वित होंगे। साथ ही अन्य वेटेरिनरी विश्वविद्यालयों के छात्रों को भी इस आर्टिकल की जानकारी देंगे।
साथ ही मैं अन्य वेटेरिनरी विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय के कुलपति /डीन महोदयों से भी अनुरोध करना चाहता हूँ, कि वो भी इस पहल की ओर ध्यान दें, और हमें उनके विश्वविद्यालय के बच्चों की काउंसिलिंग करने का अवसर समय समय पर प्रदान करें । अच्छा होगा यह काउंसिलिंग वेटेरिनरी छात्र-छात्राओं को तृतीय वर्ष पास करते ही करवाया जाय। हमारी जानकारी में इस प्रकार के प्रयोग किसी भी विश्वविद्यालय में अभी नही किया जा रहा है। मैं यह सुविधा छात्र-छात्राओं के उज्वल भविष्य के लिए उनके विद्यालय प्रांगण में प्रदान करने की इच्छा रखता हूँ।
मैं दुवासु मथुरा के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ ए के श्रीवास्तव जी का आभारी हूँ कि उन्होंने इस विषय को महत्व दिया और हमें अवसर दिया कि मैं उनके विश्वविद्यालय के वेटेरिनरी स्नातकों की काउंसिलिंग करूँ ।
लेखक:
डॉ. प्रेम कुमार श्रीवास्तव
डेयरी व्यवसाय गुरु
M/s डेयरी कॉनसल्टेंसी बंगलोर
ईमेल: dairyconsultancyindia@gmail.com
www.dairyconsultancy.in